लखनऊ। राज्य संपत्ति विभाग की टीम शनिवार सुबह अनिधिकृत रूप से रह रहे सामाजिक कार्यकर्ता फ्रैंक हुजूर का आवास खाली करवाने पुलिस फ़ोर्स के साथ पहुंची। आवास खाली कराने की सूचना के बाद अपने आवास पहुंचे फ्रैंक हुजूर ने प्रशासन से एक सप्ताह की मोहलत मांगी है। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी और बच्चे बाहर गए हुए हैं इसलिए एक सप्ताह का वक्त दिया जाये। बता दें कि विशेष सचिव एवं राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला ने आदेश जारी करते हुए जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा को लिखा कि राज्य संपत्ति विभाग के नियंत्रणाधीन दिलकुशा कॉलोनी स्थित आवास संख्या B-5, श्रेणी 5 में अनधिकृत रूप से रह रहे फ्रैंक हुजूर सामाजिक कार्यकर्ता से अनधिकृत अभ्यास शनिवार को आवश्यक पुलिस बल के साथ कराया जाना है। इस आवास परिसर में मौजूद सामान को मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में सूची बनाकर कक्ष में रखवाया जाना है। विभाग की ओर से इस कार्य के लिए सुधीर कुमार रूंगटा सहायक राज्य संपत्ति अधिकारी उत्तर प्रदेश शासन को प्राधिकृत किया गया है।
बता दें कि सत्यनारायण शुक्ल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दे दिया। खुद पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपना बंगला खाली कर दिया। लेकिन इसी याचिका का हवाला देकर भी राज्य संपत्ति विभाग फ्रैंक हुजूर से सरकारी आवास खाली नहीं करवा पा रहा, जो पिछली सरकार में अखिलेश यादव के ‘दुलरुआ’ माने जाते थे। खास बात तो ये है कि आज भी इनके रसूख में कोई कमी नहीं आई है।
राज्य संपति विभाग की तरफ से तीन नोटिस जाने के बाद भी समाजावादी रुझान वाली पत्रिका सोशलिस्ट फैक्टर के संपादक फ्रैंक हुजूर B-5 दिलकुशा आवास में जबरन डटे हुए हैं। हालांकि, खुद पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अपना सरकारी आवास खाली कर दिया है, लेकिन उनके करीबी माने जाने वाले फ्रैंक हुजूर सरकारी आवास खाली करने का नाम नहीं ले रहे।
शासन ने B-5 दिलकुशा आवास बाल आयोग की सदस्य प्रीति वर्मा को आवंटित किया है, लेकिन फ्रैंक हुजूर की दबंगई की वजह से सरकार का अंग होते हुए भी अभी तक प्रीति वर्मा को यह बंगला नहीं मिल पाया है। सूत्रों का कहना है कि राज्य संपत्ति विभाग के कुछ अधिकारियों का फ्रैंक हूजूर पर हाथ हैं। जानकारी के मुताबिक, फ्रैंक हुजूर बिहार के रहने वाले हैं और खुद को अखिलेश यादव का रिश्तेदार बताते हैं। ये अपना पूरा नाम फ्रैंक हुजूर यादव लिखते हैं। बिहार से उत्तर प्रदेश आने के बाद जनाब फ्रैंक हुजूर बने और इसी नाम से विख्यात हो गए। बताया जा रहा है कि फ्रैंक हुजूर अपनी 38 पालतू बिल्लियों के साथ B-5 दिलकुशा आवास में अभी तक जमे हुए हैं।
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