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Monday 10 June 2019

जानें, खबरों के बाजार में किस तरह दोनों हाथों से पैसे बटोर रहा है Google

न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट पर गूगल ने नहीं दी है कोई प्रतिक्रिया

नई दिल्ली।  मीडिया और पत्रकारों के लिए समय कुछ खास अच्छा नहीं चल रहा है। कई छोटे-बड़े अखबार बंद हो चुके हैं और सैकड़ों मीडियाकर्मियों की नौकरी जा चुकी है। लेकिन खबरों के इस बाजार में गूगल दोनों हाथों से पैसे बंटोर रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल यानी 2018 में गूगल ने ‘सर्च’ और ‘गूगल न्यूज’ से जितनी कमाई की, वह पूरी अमेरिकी न्यूज मीडिया की कमाई के लगभग बराबर है।

न्यूयॉर्क टाइम्स में ‘न्यूज मीडिया एलायन्स’ (एमएनए) के आंकड़ों के आधार पर प्रकाशित रिपोर्ट बताती है कि 2018 में गूगल को 4.7 अरब डॉलर की आय हुई, जबकि यूएस न्यूज इंडस्ट्री ने डिजिटल एडवर्टाइजिंग से 5.1 अरब डॉलर कमाए। एनएमए अमेरिका के 2,000 से भी ज्यादा अखबारों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था है।

एनएमए के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी डेविड शेवर्न का कहना है कि जिन पत्रकारों ने यह कंटेट (न्यूज) तैयार किया, उन्हें 4.7 अरब डॉलर का कुछ हिस्सा मिलना चाहिए। उनका यह भी कहना है कि इस अनुमान में गूगल की उस आय का मूल्य नहीं जोड़ा गया है, जो उसे किसी उपभोक्ता के लेख को पसंद या क्लिक करने से हर बार जुटाई जाने वाली निजी जानकारी से होती है। यदि इसे भी शामिल किया जाए तो कमाई का आंकड़ा काफी आगे पहुंच जाएगा। वहीं, गूगल ने इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है।

आज के समय में गूगल के ट्रेंडिंग प्रश्नों पर लगभग 40 प्रतिशत क्लिक्स खबरों के लिए होते हैं, जिन्हें कंपनी खुद तैयार नहीं करती। यानी एक तरह से देखा जाए तो गूगल पत्रकारों या मीडिया प्रतिष्ठानों के काम से अपनी जेब भर रहा है। गूगल और फेसबुक समाचार के वितरण को नियंत्रित करते हैं और बाहरी ट्रैफिक का 80 प्रतिशत इन दो कंपनियों के माध्यम से विभिन्न समाचार वेबसाइटों तक पहुंचाया जाता है।

न्यूयॉर्क मैगजीन के अनुसार, अमेरिका में 2004 से लेकर अब तक कई स्थानीय अखबार बंद हो चुके हैं और 2008 से 2017 तक न्यूज रूम के रोजगार में 23 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसी तरह भारत में भी मीडिया के हाल अच्छे नहीं हैं। कुछ संस्थान बंद हो गए हैं तो कुछ अपने स्टाफ में लगातार कमी कर रहे हैं।

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