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Thursday 14 June 2018

अधर्मी, तुर्क एवं विदेशी को महाराणा प्रताप ने बादशाह स्वीकार नहीं किया – योगी

 

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के गोमती नगर में विपुलखण्ड 6 स्थित आईएमआरटी मैनेजमेंट कालेज में गुरुवार सुबह वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयन्ती (16 जून) के उपलक्ष्य में प्रकाश्य अवध प्रहरी पत्रिका के “युवा शौर्य विशेषांक” का विमोचन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर ने किया।

सीएम योगी के सम्बोधन की अहम बातें…
-अकबर चाहता था कि एक बार राणा प्रताप अकबर को बादशाह कह दें।

-ये संदेश ले जाने वालों में अकबर की दासता स्वीकारने वाले जयपुर के राजा मान सिंह भी थे।

-अधर्मी, तुर्क एवं विदेशी को महाराणा प्रताप ने बादशाह स्वीकार नहीं किया।

-लेकिन महाराणा प्रताप ने स्वाभिमान, सम्मान को अपने छोटे से राज्य के साथ जीवित रखा।

-स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं।

-यही कारण है 500 साल बाद भी लोग महाराणा प्रताप को याद कर रहे हैं।

-अगर उन्होंने अकबर की शर्त मान ली होती तो क्या आज मेवाड़ को हम स्वाभिमान का प्रतीक मान रहे होते।

-इतिहास में ऐसा उदाहरण मिलना विरला है।

-महान अकबर नहीं महान महाराणा प्रताप थे जिन्होंने उस काल मे भी स्वाभिमान सम्मान बनाए रखा।

-महाराणा प्रताप की जयंती पर युवा शौर्य विशेषांक के प्रकाशन पर बधाई।

-महाराणा प्रताप के जीवन को समझने और प्रेरणा प्राप्त करने में समाज को मदद मिलेगी।

-हमारा अतीत हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। योगी आदित्यनाथ जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में शौर्य प्रस्तुत किया उनमे महाराणा प्रताप एक थे।

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