मानसिक रोगियों की संख्या में तेजी, इनसे निपटने केलिए डॉक्टरों को बढ़ाना होगा आत्मक्षमता
लखनऊ। भारतीय मनोरोगविज्ञान विभाग के केंद्रीय आंचलिक शाखा, किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय तथा नूरमंजिल मनोरोग केंद्र,के संयुक्त तत्वावधान में आज इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमती नगर में किया गया । इस अवसर पर सीएमई का शुभारंभ चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एमएलबी भटट्, आईपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ मनोचिकित्सक ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
मानसिक बीमारी के मरीजों की संख्या में तेजी
चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एमएलबी भटट् एवं डाॅ अजीत भिड़े ने बताया कि देश में मानसिक बीमारी के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिससे निपटने के लिए मनोचिकित्सक को अपने संसाधन एवं क्षमताओं को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि मनोरोग को चिकित्सा शिक्षा में स्नातक पाठ्यक्रम में एक अनिवार्य विषय के रूपमें शमिल किया जाना चाहिए।
बीमारी एक गंभीर प्रकार का मानसिक रोग
सीएमएई के पहले दिन बंगलुरू के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डाॅ वेंकट सुब्रमणियम ने बताया कि यह बीमारी एक गंभीर प्रकार का मानसिक रोग है और इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है। इस बीमारी के जल्द से जल्द इलाज भविष्य में विकलांगता से बचाता है। कार्यक्रम के दौरान केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ पीकेदलाल, केजीएमयू के मानसिक रोगविभाग के डाॅ आदर्श त्रिपाठी, डाॅ सुजीकुमार और डाॅ ईशा व अन्य लोग उपस्थ्ति रहें।
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