राजस्थान में स्वाइन फ्लू तेजी से पैर पसारते जा रहा है। राज्य सरकार के लाख दावों के बावजूद यहां स्वाइन फ्लू के मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है। स्वाइन फ्लू की चपेट में आने से राज्य में अबतक 82 लोगों की मौते हो चुकी है जबकि तकरीबन 2200 लोगों इसके लक्षण पाए गए हैं। जयपुर में स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा 863 मरीज समाने आए है। वहीं जोधपुर में स्वाइन फ्लू से सर्वाधिक 25 मौतें हुई है। उधर बीकानेर में 7, चूरू और उदयपुर में 6-6 मौतें हुई हैं। वहीं जोधपुर में 358, उदयपुर में 131, बाड़मेर में 123 और बीकानेर में 116 पॉजिटिव केस एक महीने में सामने आए है।
राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा विभाग के अधिकारियों के साथ लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और हालात पर नियंत्रण के लिए निर्देश दे रहे हैं। वहीं चिकित्सा विभाग ने स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम का दावा कर रहा है। राज्य सरकार स्वाइन फ्लू के उपचार के लिए कारगर व्यवस्थाएं लागू की है।सभी जिला मुख्यालयों पर स्वाइन फ्लू संबंधित जांच केंद्र खोले गए हैं। इससे स्थानीय स्तर पर मरीजों को जांच की सुविधा मुहैया हो रही है।
साथ ही इन लोगों का कहना है कि स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए जागरूकता भी जरूरी। इसके लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए गए हैं। बुखार और खांसी, गला खराब, नाक बहना या बंद होना, सांस लेने में तकलीफ और बदन दर्द, सिर दर्द, थकान, ठिठुरन, दस्त, उल्टी, बलगम में खून आना इत्यादि स्वाइन फ्लू के सामान्य लक्षण हो सकते हैं। सरकार ने अलग-अलग कैटिगरी के वायरस के लिए अडवाइजरी जारी की है।
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