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Tuesday 2 April 2019

हरदोई- विकास के मुद्दों पर नहीं, जातीय समीकरणों में तलाश रहे लोकसभा प्रत्याशी अपनी जीत

कहीं जात पात की राजनीति,तो कहीं व्यक्तिगत लालच, इन सब में उलझा मतदाता

हरदोई।जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री द्वारा किए गए विकास कार्यों की बात करते हैं वहीं दूसरी ओर सपा बसपा गठबंधन और कांग्रेस द्वारा उतारे गए प्रत्याशियों द्वारा अपने-अपने सरकारो के कामों की प्रशंसा की जा रही है वहीं दूसरी ओर क्षेत्रीय मुद्दों को दरकिनार कर जातीय समीकरणों के आधार पर चुनाव जीतने की कोशिश हो रही है। देखना यह होगा कि किस प्रत्याशी का समीकरण जीत दिलाने में कामयाबी हासिल करता है जनता को तो नेताओं द्वारा मूर्ख बनाया ही जाता रहा है। कहीं जात पात की राजनीति तो कहीं व्यक्तिगत लालच, इन सब में उलझा मतदाता अपने मत का सही निर्णय नही कर पा रहा है।जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे ही प्रत्याशियों द्वारा जातीय समीकरण को लेकर नए-नए प्रयास लगाए जा रहे हैं। किस क्षेत्र में किस जाति का ज्यादा वोट है वहां पर उसी जाति के नेता को भेजा जाए।वहां पर उसी जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर बड़े नेताओं को बुलाया जा रहा है। ऐसा ही सिलसिला लगातार आप सभी को देखने को मिलता रहेगा। क्षेत्रीय विकास को लेकर कोई भी प्रत्याशी वोट भी नहीं मांग रहा है जो भी प्रत्याशी क्षेत्र में वोट मांग रहा है वह अपने जातीय समीकरणों को लेकर व ध्यान में रख कर ही वोटों को रिझाने व अपने पक्ष में करने की बात कर रहा है। जो कि लोकतंत्र द्वारा द्वारा निष्पक्ष मतदान करने में अड़चन बनता चला रहा है। जिसको लेकर मतदाताओं द्वारा विकास को लेकर मतदान नहीं कर पाते हैं जो कि जातीय समीकरण के जाल में फसते चले जा रहे हैं जिस पर चुनाव आयोग द्वारा पैनी नजर रखनी चाहिए। चुनाव आते ही जगह-जगह जातीय समीकरणों को लेकर मीटिंग व सम्मेलन शुरू हो गए हैं।

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