बिहार: दिमागी बुखार से नौ और बच्चों की मौत, अब तक संख्या हुई 144 | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Tuesday 18 June 2019

बिहार: दिमागी बुखार से नौ और बच्चों की मौत, अब तक संख्या हुई 144

पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर व आसपास के जिलों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी-बुखार) से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। 18वें दिन मंगलवार को कुल नौ बच्चों की जान चली गई। मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में पांच, समस्तीपुर सदर अस्पताल में दो व बेतिया मेडिकल कॉलेज व मोतिहारी सदर अस्पताल में एक-एक बच्चे की मौत की खबर है।

वहीं, एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में 39 नये बीमार बच्चों को भर्ती किया गया है। एसकेएमसीएच में 30 व केजरीवाल अस्पताल में नौ नये मरीज भर्ती किये गये हैं। 18 दिनों में एईएस के 429 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें मुजफ्फरपुर में अबतक 144 बच्चों की मौत हो चुकी है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग प्रशासन की ओर से शाम में जारी रिपोर्ट के अनुसार मुजफ्फरपुर में मंगलवार को चार बच्चों की मौत हुई। विभाग की रिपोर्ट में अबतक 90 मौत की बात कही गई है। इस बारे में एसकेएमसीएच के अधीक्षक कक्ष में डीएम आलोक रंजन घोष व अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने पत्रकारों को जानकारी दी। इसमें एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल की रिपोर्ट को शामिल किया गया है।

नेताओं के बयान से बखेड़ा
दूसरी ओर बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार व राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यक्रम को लेकर सुबह से देर शाम तक डटे रहे। समिति के कार्यपालक निदेशक ने देर शाम को सभी पीआईसीयू का जायजा लिया। साथ ही वायरिंग से जुड़ी व अन्य सामान्य समस्याएं थीं, उसको दूर करने के लिए आवश्यक निर्देश दिया। अधिकारियों ने एम्स पटना व एनसीडीसी पटना के विशेषज्ञों से इलाज को लेकर कई तकनीकी जानकारी ली।

बनेगा विशेष समूह
मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से हो रही बच्चों की मौत को लेकर मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञों के साथ बैठक की। इसमें ऐसे मामलों के अध्ययन और इन्हें रोकने के लिए अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञों का एक स्थायी समूह बनाने का फैसला किया गया। .

इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय व महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा एम्स, एनसीडीसी, आईसीएमआर, विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञ शामिल थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक के बाद कहा कि विशेषज्ञों के समूह ने बिहार के मामलों में पीड़ित परिवारों के सामाजिक-आर्थिक स्थिति, उनमें पोषण का स्तर, वर्तमान मौसम और मृत बच्चों में बड़ पैमाने में हाइपोग्लाइसेमिया, स्थानीय स्तर पर मौजूद स्वास्थ्य संबंधी अधोसंरचना आदि पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि समूह समय-समय पर मिलता रहे और ऐसे मामलों पर निगरानी रखे। .

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad