परीक्षाएं तो उसने हम सभी से कहीं अधिक दीं - सफल-विफल सब हुआ। आंख उठाकर देखा तक नहीं। बस, अपना कर्तव्य करता रहा। तुम भी ऐसा ही करो। परीक्षा रूपी भालों को रोकने के लिए विवशता की ढालों का उपयोग करना घातक होगा। कोई विवशता ऐसी नहीं है जो तुम्हंे पीछे धकेल सके। परीक्षा को उत्साह की टापों तले रौंद डालो। रोड़ा मत बनने दो। बहुत दूर जाना है तुम्हें। बहुत, बहुत सारा काम है।
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Friday, 23 February 2018
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कल्पेश याग्निक का कॉलम: परीक्षा दे रहे विद्यार्थी, यदि तुम संतुष्ट हो गए- तो एक असंतुष्ट युवा पीढ़ी तैयार होगी
कल्पेश याग्निक का कॉलम: परीक्षा दे रहे विद्यार्थी, यदि तुम संतुष्ट हो गए- तो एक असंतुष्ट युवा पीढ़ी तैयार होगी
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