नई दिल्ली। जैसे-जैसे देश और दुनिया की जनसंख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे इंसानों के लिए जमीन कम पड़ती जा रही है। सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके लिए परिवहन के नए-नए विकल्पों की तलाश हो रही है। हमारे देश भारत में बड़ी संख्या में लोग सार्वजनिक वाहनों पर निर्भर हैं। ऑटो, टैक्सी जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे सड़कों पर जाम की स्थिति और भी विकट रूप धारण कर रही है। सड़क पर ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए एप आधारित टैक्सी सेवा उबर ने एक खास पहल की है।
ऐप आधारित टैक्सी सेवा उबर ने घोषणा की है कि अब वह फ्लाइंग कार की दुनिया में कदम रखने जा रही है। कंपनी अगले पांच साल में ऐसी टैक्सी सेवा का ट्रायल शुरू कर देगी और 10 वर्षों में उस उद्योग की अग्रणी कंपनी बनने का भी दम कंपनी भर रही है।
उबर के सीईओ खुशरोशाही ने जापान की राजधानी टोक्यो में एक इंवेस्टमेंट फोरम में कंपनी के इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी। खुशरोशाही इसे क्रांतिकारी कदम करार देते हैं। इससे आम आदमी का अपनी खुद की कार से हवा में उड़ान भरने का सपना भी पूरा हो जाएगा।
उबर ने साल 2016 में ‘उबर एयर’ उड़ान भरने वाले एप पर काम शुरू किया था। कंपनी साल 2020 तक इसे लॉन्च करने के प्रति गंभीर दिखती है। 2016 में कंपनी ने व्हाइट पेपर जारी करके अपने इस आगामी प्रोजेक्ट की जानकारी दी थी। इसके अनुसार कंपनी अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पूर्व कर्मचारियों के साथ मिलकर ‘फ्लाइंग कार’ की दिशा में कार्य कर रही है।
यह प्रश्न आपके भी दिमाग में होगा। कंपनी के अनुसार फ्लाइंग कार का सफर तुलनात्मक रूप से किफायती होगा और उबर एक्स से सफर करने के बराबर ही किराया इस फ्लाइंग कार में भी चुकाना होगा। उबर के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर जेफ होल्डेन को उम्मीद है कि ओलंपिक तक लॉस एंजलिस के लोग उबर एयर का इस्तेमाल करने लगेंगे।
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