अजीत चौधरी झाँसी
झाँसी। आज जिला क्षय रोग नियंत्रण केन्द्र (टी.वी हास्पिटल) झांसी मंे डॉ विशाल अग्रवाल एवं डॉ डी.के गर्ग द्वारा प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी दी। कि टीबी एक भयंकर संक्रामक बीमारी है। जो माइकोबेक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नाम के बेक्टीरिया के संक्रमण से फैलती हैै। कि (इएनडीटीबी) अभियान के अर्न्तगत पूरे देश मंे सक्रीय टीबी रोगी खोज अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत वर्ष 2015 मंे भारत मंे 28 लाख नये टीबी के रोगी खोजे गये। एवं 4.8 लाख टीबी के रोगियों की मृत्यु हुई। एक सर्वे के दौरान संसार के कुल टीबी रोगियों के 27 प्रतिशत टीबी के रोगी भारत मंे पाये गये। यह बीमारी शरीर के किसी भी अंग मंे हो सकती है। परंतु मुख्यतः फेफड़े 80 प्रतिशत रोगी इसके शिकार होते है। 27 मार्च 2016 को नरेन्द्र मोदी जी ने मन की बात मंे कहा था कि हमंे भारत मंे टीबी को हराना है। 17 अप्रेल 2017 को मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी जी टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश का आहवान किया था। जनपद झांसी मंे 26 दिसम्बर 2017 से 9 जनवरी 2018 तक चले सक्रिय 6 रोगी खोज अभियान के प्रथम चरण मंे 2.22939 व्यक्तियों की स्क्रनिंग की गयी। जिसमंे 2160 संदिग्ध क्षय रोगी पाये गये। जिसमंे 1999 रोगियों की बलगम की जांच की गयी जांच मंे 85 क्षय रोगियों की खोज हुई 84 रोगियों को उपचार पर रखा गया।घर-घर टीबी रोगियों को खोजने हेतु स्वास्थ्य विभाग टीमंे बनायी गयी है। प्रत्येक 2000 की आबादी पर एक टीम काम करेगी। जिसमंे 3 सदस्य होंगे। 1 सदस्य क्षय नियंत्रण कार्यक्रम से, एक सदस्य जनरल हेल्थ कार्यंक्रम से एवं एक सदस्य एनजीओ/आंगनबाड़ी/डॉट प्रोवाइडर अथवा स्वयं सेवी संस्था से होगीा। जनपद मंे कुल 115 टीमंे बनायी गयी है जिसमंे शहरी क्षेत्र में 45 एवं ग्रामीण क्षेत्र मंे 70 टीमंे कार्य करेगी। इस तरह प्रत्येक टीम कुल 500 घरों का भ्रमण कर संदिग्ध क्षय रोगियों को खोज कर उनके बलगम की जांच सरकारी चिकित्सालय मंे करायी । इस कार्यक्रम के दौरान डॉ विशाल अग्रवाल ;ॅभ्व्), डॉ डीके गर्ग (क्ज्व्), रवि श्रीवास्तव, रूपेश, नवीन श्रीवास्तव, अमित कुमार, कमलेश गुप्ता, राघवेन्द्र, जावेद अली एवं चन्द्रशेखर आदि लोग मौजूद रहें।
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