नई दिल्ली: राजस्थान के बाड़मेर में रामकथा चल रही थी। श्रद्धालु मुरलीधर महाराज से रामकथा का आनंद ले रहे थे। लेकिन बवंडर और बारिश ने पूरे पंडाल को उजाड़ दिया। हवा और बारिश के बेग का पंडाल सामना नहीं कर सका और 14 लोग महज डेढ़ मिनट के भीतर काल कवलित हो गए। बाड़मेर के बालोतरा में इस हादसे के बाद राजस्थान सरकार हरकत में आई और तुरंत राहत बचाव का काम भी शुरु हो गया।
बाड़मेर से बीजेपी सांसद कैलाश चौधरी ने अपना रांची का दौरा रद्द किया और बालोतरा पहुंचे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी इस हादसे पर नजर बनाए हुई है। उन्होंने कहा कि हादसा दुखद है वो पीड़ित लोगों के परिजनों के साथ हर कदम पर खड़े हैं। इस विषय में गृहमंत्री अमित शाह और सीएम अशोक गहलोत से बातचीत हुई है। पीड़ित परिजनों के लिए मुआवजे को ऐलान हुआ है और वो जल्द ही लोगों में बांट दिया जाएगा।
रामकथा का यू-ट्यूब पर भी सीधा प्रसारण हो रहा था। वीडियो में देखने से साफ है कि कथावाचक मुरलीधर महाराज को इस बात का आभास हो चुका था कि कुथ बुरा होने वाला है। उन्होंने कथा सुन रहे लोगों से तत्काल पंडाल छोड़ने की अपील की। लेकिन तेज हवा और बारिश की वजह से पंडाल ने करेंट उतर गया। बताया जा रहा है कि पंडाल का पूरा स्ट्रक्चर लोहे की बनी रॉड पर टिका हुआ था जिसकी वजह से जो लोग लोहे की रॉड के संपर्क में आए वो बिजली के झटके का शिकार हो गए।
मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि मौसम का मिजाज सोमवार को सुबह से नासाज था। लेकिन हादसा होने से ठीक पहले हवा की रफ्तार असामान्य रूप से तेज हो गई थी। कथावाचक मुरलीधर महाराज को शायद इस बात का एहसास हो चुका था कि कुछ अनहोनी होने वाली है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जितना जल्दी हो सके आप लोग पंडाल छोड़ दें। वो खुद भी अपनी व्यासपीठ से उतरने लगे। लेकिन तेज हवा और बारिश लोगों पर काल बनकर एकसाथ टूट पड़ी थी और पंडाल पूरी तरह गिर गया।
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