नई दिल्ली। भारत ने दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक सऊदी अरब से पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में तर्कसंगत बदलाव लाने का आग्रह किया है। भारत ने सऊदी अरब को कहा है कि यह उत्पादक और उपभोक्ता, दोनों के लिए हित में होगा। अगर भारत की यह योजना सफल रही तो पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में कमी की पूरी संभावना है।
दरअसल, शुक्रवार को सऊदी के तेल मंत्री खालिद अल-फलीह के साथ केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धमेन्द्र प्रधान की बात हुई। इस बातचीत के बाद पेट्रोलियम मंत्री धमेन्द्र प्रधान ने कहा, भारत कीमतों को लेकर एक संवेदनशील और उपभोक्ता केंद्रित बाजार है, इसलिए क्रूड ऑइल और एलपीजी हमें ओपेक राष्ट्रों से तकज़्संगत कीमत पर मिलनी चाहिए।
भारत इराक के बाद सबसे अधिक तेल सऊदी अरब से ही आयात करता है। इस वित्त वर्ष में यह सऊदी अरब से 3.65 करोड़ टन क्रूड ऑइल आयात करेगा। इसके अलावा 25 फीसदी एलपीजी भी गल्फ देशों से ही आता है।
प्रधान ने कहा कि हमने इस बात पर चर्चा की कि क्रूड ऑइल की कीमत इस तरह तय होनी चाहिए जिससे उत्पादकों को भी घाटा ना हो और इसके साथ उपभोग करने वाले देशों के हितों की भी रक्षा हो। उन्होंने (सऊद अरब) इस मुद्दे पर सहमति भी जताई। उन्होंने कहा कि इसके लिए कोई तरीका तैयार किया जाएगा। भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है और 80 फीसदी जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भर है। कुल तेल आयात का 85 फीसदी और कुल गैस आयात का 95 फीसदी हिस्सी ओपेक से मंगाया जाता है।
प्रधान ने कहा कि भारत ऑर्गनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (ओपेक) से कहा है कि एशियाई खरीदारों से प्रीमियम ना वसूल किया जाए। उन्होंने कहा कि तेल उत्पादक तकज़्संगत कीमतों की दिशा में काम करें, जिससे तेल उपभोक्ता देश कमम कीमतों पर आम लोगों को एनर्जी मुहैया करा सकें। प्रधान के पूर्ववर्तियों खासकर मणिशंकर अय्यर ने प्रीमियम का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था।
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