नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में आज किसान आंदोलन जारी हैं। देश में कई जगह स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। प्रशासन ने नागरिकों से अफवाहों से बचने की अपील की हैं। पंजाब में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया। राज्य के फरीदकोट में किसानों ने सड़कों पर फल और सब्जियों को फेंककर विरोध जताया। वहीं पंजाब के होशियारपुर में किसानों का जबर्दस्त प्रदर्शन देखने को मिला। यहां किसानों ने सड़कों पर दूध के टैंकर खाली कर दिए, सब्जियां भी फेंकी।
मध्यप्रदेश के झाबुआ में धारा 144 लगा दी गई है। साथ ही प्रशासन ने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वहां पुलिस फोर्स की 5 कंपनियों को तैनात किया गया है। किसान संगठन अपने ताकत आंदोलन में पूरी झोकने का मन बना चुके हैं। राष्ट्रीय किसान महासंघ की अगुवाई में करीब 170 किसान संगठनों का कहना हैं कि हम किसान के हक के लिए लड़ते रहेंगे और शांति से आंदोलन करेंगे। गावँ-गावँ में दूध, सब्जी को बेचेंगे लेकिन शहरों में नही आने देंगे। यहां भारतीय किसान मजदूर संघ, किसान यूनियन, किसान जाग्रति संघ के पदाधिकारियों ने किसानों से घर घर जाकर संपर्क किया हैं।
राष्ट्रीय किसान महासंघ के प्रदेश प्रवक्ता त्रिलोक गांठी ने संपर्क किये जाने पर बताया कि 1 से 10 जून तक हमारा गांव बंद आंदोलन पूर्णता संवैधानिक होकर अहिंसक हैं। उन्होंने कहा कि हम किसानों की प्रमुख 4 मांगे हैं। जिसमे सभी किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ किया जाए। सभी फसलों पर लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य दिया जाए। सभी किसानों को 55 साल की उम्र के बाद पेंशन दी जाए एवं किसानों की आय सुनिश्चित की जाए। चौथी और अंतिम मांग दूध का 65 लीटर एवं फल सब्जी के समर्थन मूल्य घोषित किए जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए।
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