बकाया भुगतान,विनियमितीकरण वेतन बढ़ाये जाने की मांग की
हरदोई।31अगस्त।उत्तर प्रदेश ग्राम रोजगार सेवक संघ ने 8 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन पत्र सिटी मजिस्ट्रेट सतीश त्रिपाठी को सौंपा।ग्राम रोजगार सेवक संघ के जिला अध्यक्ष इमरान सिद्दीकी, जिला उपाध्यक्ष हर्ष राज सिंह एवं प्रदेश उपाध्यक्ष मनमोहन सिंह ने सौंपे गए ज्ञापन में बताया है कि ग्राम रोजगार सेवकों की नियुक्ति 2006 में मनरेगा योजना के अंतर्गत हुई थी। 12 वर्षों से हम लोग लगातार कार्य करते चले आ रहे हैं बावजूद इसके दो-दो वर्ष का मानदेय तक नहीं मिलता है।यह कि सांसद से लेकर उप मुख्यमंत्री तक 8 सूत्री मांगों के लिए शासन को अवगत कराया जा चुका है। उत्तर प्रदेश में ग्राम रोजगार सेवकों का मासिक मानदेय ₹6000 निर्धारित है जबकि भारत के कई राज्यों में समूह ग के कर्मचारियों के समान वेतन भुगतान हुआ है। ग्रेड पे की व्यवस्था है। पुणे में समुदाय के राज्य कर्मचारियों के समान वेतन स्केल लागू किया जाना चाहिए। जिसमें कर्मचारी भविष्य निधि, ग्रेच्युटी पेंशन, बोनस हेल्थ, इंश्योरेंस दुर्घटना बीमा आदि की सुविधा प्राप्त हो ।यह भी बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में लगभग साठ हजार ग्राम पंचायतें सृजित हैं इन ग्राम पंचायतों में सीधी भर्ती से नियुक्त ग्राम विकास अधिकारियों /ग्राम पंचायत अधिकारियों की कुल संख्या लगभग 12,000 है है। अर्थात एक सचिव के पास औसतन 5 ग्राम पंचायतें हैं जिसके कारण ग्राम पंचायतों के विकास व ग्रामीण के समस्याओं के निस्तारण में असुविधा होती है ।यदि ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार द्वारा एक सहायक सचिव अथवा ग्राम विकास सहायक का पद सूचित करके संविदा पर नियुक्त ग्राम रोजगार सेवकों को उनकी संख्या के आधार पर समायोजित कर दिया जाए तथा शेष बाकी पदों पर अन्य लोगों की भर्ती कर ली जाए तो ग्राम रोजगार सेवकों की लंबे अरसे से की जा रही मांग भी पूरी हो जाएगी। ग्राम रोजगार सेवकों का ₹24000 प्रतिमाह वेतन लागू किया जाए।यदि उनकी मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया तो मजबूर होकर लखनऊ में विशाल आंदोलन करने को मजबूर होंगे ,जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन की होगी।ज्ञापन देने वालों में मुख्य रुप से हर्ष राज सिंह ,अनिल द्विवेदी, रहीम खान ,सतपाल यादव, धर्मवीर सिंह ,नवल यादव, भतार आलम, अंकित तोमर, अयोध्या प्रसाद, सुनील शुक्ला, रंजीत गुप्ता, मोहम्मद कलीम, जाबिर हुसैन, प्रदीप ,जय प्रकाश पाठक, शैलेंद्र आदि लोग उपस्थित रहे।
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