पूर्व ब्लाक प्रमुख सरिता गुप्ता की कुर्सी पर आज से स्वर्णलता सिंह की हुई हकदारी
पिहानी/हरदोई13सितम्बर।तीखी-मीखी नोक झोंक के बीच पिहानी ब्लाक प्रमुख उप-चुनाव हुआ सम्पन्न।कोटरा निवासी स्वर्णलता सिंह पत्नी गजेंद्र सिंह निर्विरोध भाजपा प्रत्याशी घोषित हुईं।ज्ञात हो कि पिहानी में ब्लाक प्रमुख के उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र क्रय- विक्रय व दाखिला की तारीख क्रमशः 12,13,14,15 सितम्बर 2018 घोषित की गई थी स्वर्णलता सिंह पत्नी गजेंद्र सिंह निवासी कोटरा के अलावा सुमन द्विवेदी पत्नी विनोद द्विवेदी, मोहरकली,संतोष वाजपेई पत्नी श्रवण कुमार उर्फ पप्पू वाजपेई पिहानी ने नामांकन पत्र खरीदे।आज नामांकन पत्र दाखिल करने की दिनांक पर थोड़ा सा माहौल उस समय गरमा गया जिस समय अंजू गुप्ता पुत्री पूर्व ब्लाक प्रमुख जेपी गुप्ता व सरिता गुप्ता की पुत्री के नाम से नामांकन पत्र विक्रय किया गया।विपक्ष प्रत्याशी के समर्थकों ने आपत्ति जताई कि आज नामांकन पत्र क्रय-विक्रय किए जाने का कोई अवसर नहीं है।बल्कि इस अवसर की तिथि निर्धारित 12 सितंबर 2018 समाप्त हो चुकी है।आज सिर्फ नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। इस अवसर पर विक्रय हुए 4 नामांकन पत्रों में से सिर्फ भाजपा प्रत्याशी स्वर्णलता सिंह पत्नी गजेंद्र सिंह निवासी कोटरा का नामांकन पत्र दाखिल हुआ इसके अलावा विरोध में खरीदे गए तीन नामांकन पत्र के प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल ही नहीं किए।संज्ञान में आया है कि निर्विरोध की स्थिति मालूम होते ही जय प्रकाश गुप्ता भूतपूर्व ब्लाक प्रमुख ने अपनी पुत्री अंजू गुप्ता के नाम से आज दोपहर में ब्लाक पिहानी पर पहुंचकर नामांकन पत्र खरीदा तो वहां पर विपक्षी दल के प्रत्याशियों के समर्थकों ने इस पर गहरी आपत्ति जताई जिस पर तीखी नोकझोंक शुरू हो गई और देखते ही देखते नामांकन पत्र फाड़ कर फेंक दिया गया यह नामांकन पत्र किसके द्वारा फाढ़ा गया है असमंजस की स्थिति में सही जानकारी अभी नहीं हो पाई है मगर पूर्व ब्लाक प्रमुख की तरफ से यह आरोप लगाया गया है कि नामांकन पत्र कोटरा बाहुबली मनोज सिंह ने फाड़ा है जब यह जानकारी कोटरा नरेश से की गई तो उन्होंने बताया कि आरोप निराधार और असत्य है जिस समय पूर्व ब्लाक प्रमुख नामांकन पत्र लेने पहुंचे उस समय हम और हमारे समर्थक वहां से वापस आ चुके थे। इसलिए यह आरोप असत्य है और मेरा इस आरोप से कोई लेना-देना नहीं है।इसके अलावा आज जो नामांकन पत्र विक्रय किया गया है वह गलत था। नामांकन विक्रय किए जाने का अवसर और तारीख दोनों ही पूर्व ब्लाक प्रमुख खो चुके थे और जैसे ही उनको यह मालूम हुआ कि यह दोनों अवसर मैं खो चुका हूं और निर्विरोध के रूप में ब्लाक प्रमुखी की कुर्सी भी छूट चुकी है तो झुंझलाकर नामांकन पत्र स्वयं फाड़ दिया और उसका बेजा आरोप निर्विरोध विजयी प्रत्याशी के समर्थकों पर लगा दिया।
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