लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों के विभिन्न गांवों से आये सैकड़ों की संख्या में ग्राम प्रधानों ने अपने हक के लिए राजधानी लखनऊ के आशियाना स्थित ईको गार्डन में आवाज बुलंद की। ग्राम प्रधान अपनी मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन विशाल धरना प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं। सैकड़ों ग्राम प्रधान गांवों को संवैधानिक सरकार का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे थे। ग्राम प्रधानों ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए कहा कि अगर हमारी मांगे शीघ्र नहीं मानी गईं तो आने वाले लोकसभा चुनाव 2019 में इसका खामियाजा भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा।
अखिल भारतीय प्रधान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी और संगठन के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष रामसेवक यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 822 ब्लॉक हैं। प्रदेश में 315 तहसील हैं जबकि 59163 ग्राम पंचयात हैं और 97607 गांव हैं। इन सभी गांवों के ग्राम प्रधानों की मांग है कि गांवों को संवैधानिक सरकार का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शन कर रहे ग्राम प्रधानों ने बताया कि सरकार से अपनी मांगों को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन किया जा चुका है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसके कारण अब अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि अब जब तक हमारी मांगे नहीं पूरी होंगी तब तक धरना जारी रहेगा। बता दें कि सबसे ज्यादा 4000 गांव आजमगढ़ जिले में हैं, जबकि सबसे कम 323 गांव बागपत जिला में हैं।
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