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Friday, 2 November 2018

2 Line Shayari #238, Bas yahi do masle zindagi bhar

बस यही दो मसले जिंदगी भर ना हल हुए,
ना नींद पूरी हुई ना ख्वाब मुकम्मल हुए! 💕

हमारी पसंद अपनी, निगाह से न तोलिये..
यह दिल के मामले हैं, इनमें न बोलिये! ❤

ये कैसा सरूर है तेरे इश्क का मेरे मेहरबाँ,
सँवर कर भी रहते हैं बिखरे बिखरे से हम!

रिश्ता बनाया है तो निभायेंगे,
हर वक्त तुमसे लड़ेंगे और तुम्हे मनायेंगे! 😍

तुम जिद करो आज चाँद देखने की,

और मैं तुम्हें आईना दिखा दूँ! 😍 😍 ❤

मसरूफ रहने का अंदाज़ तुम्हे तन्हा न कर दे दोस्त,
रिस्ते फुरसत के नहीं तबज्जो के मोहताज़ होते हैं।

तकलीफ होगी आपके नाजुक ख्यालों को,
यूं अकेले बैठकर हमें सोचा न कीजिए। ☺

मिल जाती अगर सभी को अपने मोहब्बत की मंजिल..
तो यक़ीनन रातो के अँधेरो में कोई दर्द भरी गजल नही लिखता!

काश तुम समझ सकते मोहब्बत कें उसूलो को,
किसी कें दिल में समां कर तन्हा नहीं करते! 💞

मेरे दिल ने कभी किसी का बुरा नहीं चाहा,
ये बात और है के मुझे साबीत करना नहीं आया!

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