लखनऊ।गोसाईगंज हमारे भारत देश में हर त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है त्योहारों की बात करें तो जब दिवाली नजदीक आती है तो कुछ अलग ही नजरिया देखने को मिलता है हमारे यहां त्योहारों में दीपावली का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है लेकिन कई सालों से दीपावली का पर्व पटाखे फोड़ने का त्यौहार बन कर रह गया मौजूदा समय में तो लोग पटाखों के बिना दीपावली मनाना उचित नहीं समझते हैं अब तो दिवाली की परिभाषा ही बदल गई दीपावली का त्यौहार सही तरीके से मनाना जैसे लोग भूल चुके हो अब के समय में तो लोग पटाखों के बिना दिवाली मनाना वाजिब नहीं समझते लेकिन लोगों को समझना चाहिए कि दीपावली का त्यौहार सिर्फ जोरदार पटाखों की आवाज के साथ नहीं बल्कि पटाखों के बिना दीपावली का त्यौहार बेहतर तरीके से मनाया जा सकता है।
पटाखों से निकलने वाले जहरीले धुवे से हो सकती हैं ये बीमारियां
भारत में दीपावली का पर्व खुशियां एवं रोशनी का त्योहार कहा जाता है लेकिन इस त्यौहार में तेज आवाज वाले पटाखे से निकलने वाला जहरीला धुआं पर्यावरण के लिए शत्रु जैसा है साथी लोगों के जन स्वास्थ्य नुकसानदायक है पटाखों एवं आतिशबाजी से रक्तचाप दम एलर्जी ब्रोकाइटिस निमोनिया और दिल के दौरे जैसे स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है इसलिए दीपावली पर दम एवं दिल के मरीजों वालो का खतरा बढ़ जाता है जिस पर खासतौर पर सावधानियां बरती चाहिए मेट्रो हॉस्पिटल के निदेशक डॉक्टर पुरुषोत्तम लाल बताते हैं कि पिछले कई वर्षों से यह देखा जा रहा है कि दीपावली के बाद अस्पताल आने वालों नाक दम एलर्जी ब्रोकाइटिस व जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त रोगियों की संख्या अमूमन बढ़ बढ़ जाती है।
पटाखों की जगह जरूरतमंद को दे खुशियां
हमारे यहां दीपावली का त्यौहार हर घर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है हर व्यक्ति दीपावली पर परिवार के लिए खरीदारी करता है मगर कुछ परिवार ऐसे भी होते हैं जो आर्थिक तंगी के कारण अपने बच्चों को खरीददारी तो दूर उन्हें मिठाई भी नसीब नहीं होती ऐसे में हिंदी दैनिक तरुण मित्र लोगों से अपील करता है कि इस दीपावली पर झुग्गी झोपड़ी वा इलाके में आर्थिक तंगी झेल रहे गरीब परिवार की मदद करें ताकि उनके घर में भी खुशियों का त्योहार मनाया जा सके।
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