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Thursday 28 February 2019

इस मंदिर में जुड़ जाती है टूटी हुर्ह हड्डियां, दो दिन ही होती है विशेष पूजा

कटनी। भारत देश धर्म, भक्ति, अध्यात्म और साधना का है, जहां प्राचीन काल से पूजा-स्थल के रूप में मंदिर विशेष महत्व रखते रहे हैं। यहां कई मंदिर ऐसे हैं, जहां विस्मयकारी चमत्कार भी होते बताए जाते हैं। यहां पर हर मंदिर अपने आप में कई सारे चमत्कारों को अपने आप मे समेटे हुए है।

हालांकि इन मंदिरो में कई सारे ऐसे रहस्य है। जिन पर से आज भी पर्दा नहीं उठ पाया है। आज आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बता रहे है। जिसके बार मे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।

दरअसल यह मंदिर मध्यप्रदेश के कटनी से लगभग 35 किमी दूर मोहास गांव में एक हनुमान मंदिर है। जिसके बार में कहा जाता है कि यहां पर लोगों की टूटी हुई हड्डिया टूट जाती है।

जानकारी के अनुसार यहां पर शनिवार और मंगलावर को विशेष रूप से पूजा की जाती है। जिसके चलते यहा पर कई सारे लोग यहा पर आते है। जिससे भारी भक्तों की भीड़ हो जाती है।कटनी। भारत देश धर्म, भक्ति, अध्यात्म और साधना का है, जहां प्राचीन काल से पूजा-स्थल के रूप में मंदिर विशेष महत्व रखते रहे हैं। यहां कई मंदिर ऐसे हैं, जहां विस्मयकारी चमत्कार भी होते बताए जाते हैं। यहां पर हर मंदिर अपने आप में कई सारे चमत्कारों को अपने आप मे समेटे हुए है।

हालांकि इन मंदिरो में कई सारे ऐसे रहस्य है। जिन पर से आज भी पर्दा नहीं उठ पाया है। आज आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बता रहे है। जिसके बार मे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।

दरअसल यह मंदिर मध्यप्रदेश के कटनी से लगभग 35 किमी दूर मोहास गांव में एक हनुमान मंदिर है। जिसके बार में कहा जाता है कि यहां पर लोगों की टूटी हुई हड्डिया टूट जाती है।

जानकारी के अनुसार यहां पर शनिवार और मंगलावर को विशेष रूप से पूजा की जाती है। जिसके चलते यहा पर कई सारे लोग यहा पर आते है। जिससे भारी भक्तों की भीड़ हो जाती है।

मंदिर में कोई किसी को स्ट्रेचर, तो कोई पीठ या एम्बुलेंस में लेकर आता है। किसी का हाथ टूटा होता है तो कोई पैर या दूसरी जगह के फ्रैक्चर के दर्द से कराह रहा होता है।

मामले की जानकारी देते हुए एक श्रद्दालु का कहना है कि मंदिर प्रांगण पहुंचते ही आंखें बंद करने के लिए कहा जाता है। साथ ही उन्हें राम नाम का जाप करने हेतु बोला जाता है।

जब भक्त आंखें बंद करते हैं उसी वक्त पंडित तथा उसके सहायक पीडि़तों को पत्तियों एवं जड़ रुपी औषधि देते हैं और उसे खूब चबाकर खाने हेतु कहते है।

कहा जाता है कि इस औषधि के खाने के बाद बीमारी इंसान की हड्डियां अपने आप जुड़ जाती है। और कुछ दिन बाद वह अपने आप सही हो जाता है।

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