लखनऊ। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह पुलिस को आधुनिक बनाने एवं आधुनिकीकरण के लिये लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में आधुनिकीकरण की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए आम नागरिकों को एसएमएस के माध्यम से सूचना देने की कार्यवाही भी प्रारम्भ की गयी है।
आईजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि वर्तमान में थानों के समस्त कार्य सीसीटीएनएस पोर्टल पर किये जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य हो गया है जहां,ई-कोर्ट,ई-कारागार व ई-प्रासक्यूशन को सीसीटीएनएस से लिंक कर अभियोजन, कारागार एवं न्यायालय से सम्बन्धित सूचनाएं थाने पर ही कम्प्यूटर पर एक क्लिप पर उपलब्ध हो रही है। इसी क्रम में आधुनिकीकरण की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए आम नागरिकों को एसएमएस के माध्यम से सूचना देने की कार्यवाही भी प्रारम्भ की गयी है। इनमें आमजनों को सीसीटीएनएस पर ही एफआईआर रजिस्ट्रेशन, ई-एफआईआर रजिस्ट्रेशन, एफआईआर ट्रांसफर, एफआईआर पुन: आवंटन, अरेस्ट मेमो, सीजर मेमो, चार्जशीट, अन्तिम रिपोर्ट , नागरिक सेवाओं , कम्प्लेन्ट रजिस्ट्रेशन, किरायेदार सत्यापन, घरेलू सहायता, करेक्टर सर्टीफिकेट व एम्प्लाई वेरीफिकेशन आदि सेवाएं पीड़ित को उनके मोबाइल नम्बर पर एसएमएस के माध्यम से उपलब्ध होगी। आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि अपराध पंजीकृत होने, विवेचना स्थानान्तरित होने, अभियुक्त के गिरफ्तार होने, माल बरामद होने, चार्जशीट/ फाइनल रिपोर्ट लगने एवं जांच अधिकारी का नाम एवं मोबाइल नम्बर आदि सूचनाएं प्रदान वादी को एसएसएस के माध्यम से भेजने की कार्यवाही प्रारम्भ की जा रही हैं। जिससे आम नागरिकों को थानों पर दर्ज एफआईआर एवं उनमें की गयी कार्यवाही के बारे में समयबद्ध पूरी जानकारी प्राप्त हो सकेंगी।
यूपी कॉप एप से आमजनों को मिल रही है बेहतर सुविधांए
आईजी प्रवीण कुुमार ने बताया कि बीते दिनों में पुलिस द्वारा यूपी कॉप एप को लॉच किया गया है,जिसका आमजन बाखूबी से इस्तेमाल कर रहे हैं। इस एप के माध्यम से वाहन चोरी, वाहन लूट, नाबालिग बच्चों की गुमशुदगी, मोबाइल स्नैचिंग, साइबर अपराध आदि प्रकरणों में पीड़ित व्यक्ति अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध बिना थाने गये कहीं से भी मुकदमा पंजीकृत करा सकता है। इस प्रकार यूपी कॉप एप में आम नागरिकों को ई-एफआईआर सहित 27 प्रकार की सेवाओं की सुविधाएं मिल रही है।
पास्को एक्ट के मामलों में भी एसएमएस व्यवस्था की जल्द शुरूआत
आईजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि पास्को एक्ट के अन्तर्गत पंजीकृत जघन्य अपराधों में भी एसएमएस की सुविधा की शुरूआत की जा रही है। जिससे समय समय पर विभिन्न उच्चाधिकारियों को सूचना से अवगत कराया जा सके तथा उनके द्वारा इन अपराधों की समयबद्ध मॉनीटरिंग की जा सके। गौरतलब हो कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी पास्कों एक्ट से सम्बन्धित विवेचनाओं को 60 दिन में पूर्ण करने के निर्देश दिये गये हैं। जिसके परिपे्रक्ष्य में पास्को एक्ट मामलों में 31वें, 40वें, 50वें, 55वें एवं 60वें दिन एसएमएस से सूचना विवेचना अधिकारी उनके पर्यवेक्षीय अधिकारियों को देने की कार्यवाही की प्रारम्भ की जा रही है। जिससे समयबद्ध तरीके से विवेचना का निस्तारण किया जा सके।
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