लखनऊ। जहां एक तरफ यूपी सरकार सरकारी अस्पतालों में अच्छे स्वास्थ्य के दावे करती तो वहीं दूसरी ओर राजधानी के केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में डॉक्टरों की लगातार लापरवाही देखने की मिल रही है । ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जहॉ मंगलवार को टैक्टर ट्रॉली पलटने से राकेश कुमार 38 व उसके बड़े भाई रामसागर 55 गम्भीर चोटे आ गई ।जिसमें उसे आनन-फानन में केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया।
यह मामला हैं राजधानी के जिला बाराबंकी के छत्तर पाल गॉव निवासी राकेश कुमार व उसके बड़े भाई रामसागर के साथ बजार जाते वक्त आलू से भरी टैक्टर टॉली बेकाबू होकर अचानक पलट गई। हालाकिं परिजनों के मुताबिक जिसमें दोनों भाईयों को गम्भीर चोटें आने से ट्रामा में इलाज के लिए लाया गया। जहॉ डॉक्टरों की लापरवही से रामसागर की इलाज के दौरान मृत्यृ हो गई।जिसमें राकेश कुमार की पत्नी तारावती व परिजनों का कहना हैं कि डॉक्टरों ने उनके पती को बेहतर इलाज न देकर उसे किसी प्राइवेट अस्पताल में ले जाने की सलाह दे डाली। हालाकिं डॉक्टर्स और प्रशासन की लापरवाही की सारी हदें तो तब पार हो गईं जब मारीज के हाथों में विगों लगा कर छोड़ दिया जिससें मरीज के हाथो से खून उल्टा चढ़ने लगा। लेकिन उसके इलाज के लिए डॉक्टरों के पास न तो वक्त था और नहीं अस्पताल में बेड ।
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