नई दिल्ली। सरकारी बैंकों के मर्जर के दूसरे राउंड पर बातचीत करने के लिए केंद्र कुछ बैंकों को बुला सकती है। कुछ समय पहले विजय बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में मर्जर हुआ था। अब खबर आ रही है कि सरकारी बैंक अब दूसरे राउंड के मर्जर पर बातचीत करने वाले हैं। अब जिन बैंकों का मर्जर हो सकता है उनके नाम सामने आए हैं। लिस्ट में पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया नाम शामिल है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि हम बहुत इंतजार नहीं करना चाहते। उन्होंने मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी या तीसरी तिमाही में मर्जर की प्रक्रिया शुरू होने का संकेत दिया। उनका कहना था कि अगर बैंक अपनी तरफ से मर्जर के ऑप्शन नहीं देते हैं तो इस बारे में ऑल्टरनेट मैकेनिज्म (AM) ग्रुप सुझाव दे सकता है।
इससे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के बीच मर्जर हो चुका है। सरकार ने अक्टूबर 2018 में तीन बैंकों- बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का मर्जर कर देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बनाने का प्रपोजल दिया था।
खबर के मुताबिक अधिकारी का ये भी कहना था कि बैंक ऑफ इंडिया हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के प्रॉम्प्ट करेक्शन फ्रेमवर्क (PCA) से बाहर आया है। जिन बैंकों को PCA में डाला जाता है, उनके कर्ज बांटने पर रोक लग जाती है। इन बैंकों को लोन रिकवरी सहित दूसरे पैमानों पर कामकाज सुधारना पड़ता है, तभी ये पाबंदियां हटती हैं। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक भी रिकवरी के शुरुआती दौर में हैं। RBI ने फरवरी 2019 में बैंक ऑफ इंडिया के साथ ही ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और बैंक ऑफ महाराष्ट्र को PCA से बाहर किया था। PCA में मौजूद बैंकों पर कर्ज देने को लेकर कुछ बंदिशें होती हैं।
इसके साथ ही बैंकिंग एक्सपर्ट्स का कहना है कि छोटे बैंक समान क्षेत्र में अपने बिजनेस को बढ़ा रहे हैं। इससे उनके बीच कॉम्पिटिशन बढ़ रहा है। उनका कहना था कि बैंकिंग सेक्टर की प्रत्येक मुश्किल के लिए मर्जर समाधान नहीं है। सरकार को केवल बहुत बड़े बैंक बनाने के उद्देश्य से मर्जर पर जोर नहीं देना चाहिए।
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