लखनऊ। राजधानी लखनऊ के पारा थाना क्षेत्र में पिछले साल एक पेंटर की हत्या करके टुकड़े करके बोरे में भरकर गायत्रीपुरम कॉलोनी के पास सड़क किनारे फेंक दिया गया था। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया था। पुलिस ने सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से कड़ी से कड़ी जोड़कर कई एंगिल पर गहन पड़ताल की। इसमें से एक बिंदु ने पुलिस को एक साल बाद अभियुक्तों तक पहुंचा दिया। पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा करते हुए दोनों अभियुक्तों को जेल भेज दिया है।
क्षेत्राधिकारी आलमबाग संजीव सिन्हा ने बताया कि 18 मई 2018 को पारा थाना क्षेत्र में एक पेंटर का शव टुकड़ों में बोरे के अंदर पारा थाना के करीब बरामद हुआ था। मृतक की पहचान पारा के राम विहार कॉलोनी निवासी राजकुमार चौरसिया (38) के रूप में हुई थी। मृतक भवनों की रंगाई का काम कर पत्नी व दो बच्चों का पेट पालता था। पारा पुलिस कई बिंदुओं पर गहनता से पड़ताल कर रही थी। सीओ ने बताया कि सर्विलांस, क्राइम ब्रांच और मुखबिरों को सक्रिय किया गया था। वहीं विवेचना के दौरान ये पता चला कि मृतक का पैसा बीसी में लगा था। उसका करीब दो लाख रुपये वीरेंद्र नामक व्यक्ति के पास फंसा था।
मृतक अपने पैसे के लिए दबाव बना रहा था और कह रहा था कि अगर पैसे नहीं दिए तो तुम्हारी स्कूल में लगी गाड़ी खिंचवा लेंगे। इस पर वीरेंद्र काफी नाराज चल रहा था। सीओ ने बताया कि घटना वाले दिन वीरेंद्र ने आशु नामक व्यक्ति से राजकुमार को मिलने के लिए बुलाया। राजकुमार पहुंचा तो सभी ने दुकान पर अंडे खाये। इस दौरान वीरेंद्र और राजकुमार की कहासुनी हुई तो उसने एकांत में जाकर बात करने के लिए कहा। राजकुमार वहां पहुंचा तो दोनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। साक्ष्य मिटाने के लिए उसके शव के टुकड़े किये और बोरे में भरा और गायत्रीपुरम कॉलोनी के पास सड़क किनारे फेंक दिया। फिलहाल पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा करते हुए दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
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