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Tuesday 25 June 2019

इटौंजा में दो पक्षों में जमकर मारपीट में भाई-बहन सहित कई घायल

लखनऊ। राजधानी में लगातार बेखौफ अपराधी पुलिस को चुनौती देते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसा ही ताज़ा मामला इटौजा थाना क्षेत्र के नरौसा गांव का है जहाँ मामूली कहासुनी के बाद लोग एक दूसरे के जान के प्यासे हो गए। वहीं एक ही समुदाय के दो पक्ष के बच्चों में हुई कहासुनी के बाद उग्र हो गए और जमकर लाठी डंडे चलाये जिससे कि एक पक्ष के भाई बहन गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पर पहुंची 100 डायल पुलिस ने घायल भाई बहन को अस्पताल पहुंचाने के बजाय नशीहत देते रहे जिससे भाई बहन का ज्यादा खून बहने से हालात गंभीर हो गई। वहीं पुलिस चाहे जितने बेहतर पुलिसिंग के दावे कर ले लेकिन उन दावों की पोल खुलने में समय नही लगता है। 

 
इस सम्बन्ध में एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कार्रवाई करते हुए महिगवां चौकी पर तैनात बागपत जिला के 2016 बैच के कांस्टेबल राहुल को अमानवीय तरीके से पेश आने पर लाइन हाजिर कर दिया। वहीं सभी अधीनस्थों को घायलों से संवेदनीय भावनाओं से पेश आने को कहा गया है। चौकी प्रभारी व थाना प्रभारी को पुलिसकर्मियों को सही तरीके से ब्रीफ ना करने के चलते विभागीय कार्रवाई की गई है। जबकि हकीकत ये है कि जिस सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया गया उसका कोई दोष ही नहीं था, वह कार्रवाई होने के बाद रो रहा था। स्थानीय लोगों और पीड़ित परिवार माने तो इस पूरे प्रकरण में अमीर बहादुर सिंह महिगवां चौकी प्रभारी की घनघोर लापरवाही थी। इस लापरवाह दरोगा ने कोई कार्रवाई ना करते हुए पीड़ितों की नहीं सुनी और उन्हें थाने के चक्कर लगवाए। लेकिन सिस्टम की गाज एक निचले तबके के कर्मचारी पर गिरी। जबकि मठाधीश फिर खुद को ऊँची पहुँच के चलते बचा ले गए।

जानकारी के अनुसार, इटौजा थाना क्षेत्र के नरौसा गांव में उस वक्त लोगों ने अपने घर के खिड़की दरवाजे बंद कर लिए जिस वक्त एक ही समुदाय के दो पक्ष मामूली विवाद में लाठियां खड़काने लगे। लाठी डंडों की आवाज सुनकर आस-पास के लोगों में दहशत का माहौल बन गया और लोगों ने अपने घर के दरवाजे से बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझा। दो पक्षों में हुए विवाद मद एक पक्ष के भाई बहन गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पर पहुंची 100 नम्बर पुलिस ने देखा कि दोनों भाई बहन खून से लतपत है फिर भी अस्पताल ले जाने के बजाय नसीहत देते रहे जिससे घायल खून से लतपत भाई बहन की हालात गंभीर होती रही। कभी खून बहजाने के बाद घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज किया गया। इस घटना ने इटौंजा पुलिस के मुस्तैदी व कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए है। एक ओर सूबे के डीजीपी बेहतर पुलिसिंग के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं तो वहीं थानाध्यक्षो की हीला हवाली डीजीपी के निर्देशों को पलीता लगाती हुई नजर आ रही है।

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