लखनऊ। उपचुनाव जीतने की जिम्मेदारी भाजपा ने मंत्रियों व पदाधिकारियों को सौंपी है तो सदस्यता अभियान की सफलता के लिए मुस्लिम महिलाओं पर अपना ध्यान केन्द्रित करने का फैसला किया है। इसके लिए प्रदेश भाजपा बकायदा मास्टर प्लान तैयार करने जा रही है जिसके तहत प्रदेश की मुस्लिम महिलाओं को भरोसा दिलाया जाएगा कि उनकी हित चिन्तक सिर्फ और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही है। सदस्यता अभियान को लेकर रविवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक में अल्पसंख्यक विशेषकर मुस्लिम महिलाओं को अधिक से अधिक संख्या में भाजपा से जोड़ने के प्रस्ताव को एकमत से मंजूरी दी गई।
प्रस्ताव में कहा गया है कि तीन तलाक मुद्दा मुस्लिम महिलाओं को भाजपा के करीब लाने में काफी मददगार साबित हुई है। मुस्लिम महिलाओं को अब यह भरोसा हो चुका है कि भाजपा उनके भविष्य की चिन्ता कर रही है। ऊपर से हाल के दिनों में मदरसा बोर्ड में नाजनीन अंसारी को सदस्य मनोनीत करने से लेकर सौफिया अहमद को अल्पसंख्यक आयोग का सदस्य बनाने एवं आसिफा जमानी को उर्दू एकेडमी का चेयरमैन बनाने समेत मुस्लिम महिलाओं की भागीदारी सरकार में बढ़ाने से उनका झुकाव तेजी से पार्टी की तरफ हो रहा है। भाजपा इसका सामयिक लाभ चाहती है लिहाजा सदस्यता अभियान के दौरान अपना मुख्य फोकस अल्पसंख्यक विशेष कर मुस्लिम महिला वर्ग पर रखना चाहती है।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष हैदर अब्बास चांद इस बात की तस्दीक करते हुए कहते हैं कि हाल के दिनों में मुस्लिम महिलाओं में जागरूकता काफी बढ़ी है। केन्द्र व राज्य की भाजपा सरकारों द्वारा मुस्लिम महिलाओं को आत्म निर्भर एवं स्वावलम्बी बनाने की दिशा में जो कार्य किए गए हैं इससे प्रभावित होकर मुस्लिम महिलाएं लगातार भाजपा के साथ जुड़ रही हैं।
बकौल हैदर अब्बास, एक वह भी समय था जब भाजपा के कार्यकर्मों में इक्का-दुक्का अल्पसंख्यक या यूं कहें मुस्लिम दिखता था। मुस्लिम महिलाओं का दिखना तो सबसे दुर्लभ था लेकिन आज समय बदल चुका है। भाजपा के कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में मुस्लिमों की भागीदारी हो रही है। मुस्लिम महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने लगी हैं। ऐसे में अगर पार्टी ने अपना जनाधार अल्पसंख्यक महिलाओं में एक तिहाई भी बढ़ा लिया तो आने वाले समय में यह अजेय होने के रास्ते पर अग्रसर हो जाएगी।
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