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Friday 14 June 2019

लखनऊ में डॉक्टरों ने हाथ में काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

लखनऊ। पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल चौथे दिन भी जारी है। इसका असर लखनऊ में भी देखने को मिला है। हड़ताल के कारण सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों तथा कई निजी अस्पतालों में नियमित सेवा प्रभावित हो रही। लखनऊ के कई अस्पतालों में डॉक्टरों ने हाथों में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। विरोध का असर पूरे प्रदेश में देखने को मिला।


बता दें कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर कोलकाता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार को फटकार लगायी है। कोर्ट ने ममता बनर्जी की सरकार से पूछा है कि आरोपियों के खिलाफ अबतक क्या कार्रवाई की गयी। कोर्ट ने सरकार को डॉक्टरों से बात करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मामले को लेकर दखल देने से इनकार किया है।

इधर, आरजी कर मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल, कोलकाता के 16 डॉक्टरों ने अपना इस्तीफा देते हुए कहा है कि मौजूदा हालात में हम अपनी सेवा प्रदान करने में असमर्थ हैं, इसलिए हम इस्तीफा दे रहे हैं। नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल, दार्जिलिंग के दो डॉक्टरों ने भी बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा के विरोध में इस्तीफा दिया है।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा फिर से सेवा शुरू नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दिये जाने के बावजूद जूनियर डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल जारी रखी है। सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों तथा कई निजी मेडिकल संस्थानों में ओपीडी और अन्य विभागों में सेवाएं पूरी तरह बाधित है।

जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त फोरम के प्रवक्ता डॉक्टर अरिंदम दत्ता ने बताया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। दत्ता ने बताया कि ‘‘मुख्यमंत्री ने जिस तरीके से जूनियर डॉक्टरों को धमकी दी है वह अप्रत्याशित है। यह हमारे समुदाय का अपमान है। हम इसकी भी निंदा करते हैं। उन्होंने कल जो कहा इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’ उन्होंने बताया कि ‘‘हम बाहरी नहीं हैं और यह आंदोलन स्वत: स्फूर्त है। हम सामूहिक त्यागपत्र पर विचार कर रहे हैं।’

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