मुंबई। मंत्रालय के सामने एक बार फिर आत्मदाह करने की कोशिश एक युवक ने की। हालांकि मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने युवक को पकड़ लिया और उसे मरीन ड्राइव पुलिस के हवाले कर दिया। युवक का नाम बबन झोटे बताया जा रहा है जो धुलिया का रहनेवाला है।
झोटे सोमवार की दोपहर में मंत्रालय के गेट के सामने पहुंचा और आत्मदाह की कोशिश करने लगा। इससे मंत्रालय के सुरक्षा तंत्र में अफरा-तफरी मच गई। गेट पर मौजूद पुलिसवालों ने उसे पकड़ लिया। झोटे को मरीन ड्राइव पुलिस ने हिरासत में लिया है और मामले की छानबीन कर रही है। झोटे का आरोप है धुलिया मनपा उनके साथ ज्यादती कर रही है। मनपा में नियुक्ति होने के बाद भी उन्हें सेवा में शामिल नहीं किया जा रहा है। मंत्रालय में आत्महत्या की कोशिश करने की यह पांचवी बड़ी घटना है। इधर सरकार की ओऱ से कहा गया है झोटे ने 3 अप्रैल को सरकार को ज्ञापन दिया था। झोटे ने धुलिया मनपा में वर्ष 1989 में की गई पिछड़े वर्ग की सीधी भर्ती की एक महीने में सीआईडी जांच कराने की मांग की थी। झोटे ने श्रम न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए मनपा सेवा में शामिल करने का अनुरोध किया था। अन्यथा मंत्रालय गेट के सामने आत्मदाह की धमकी दी थी। झोटे के पत्र को संज्ञान में लेते हुए सरकार की ओर से धुलिया मनपा आयुक्त को आवश्यक कार्यवाही करने की सूचना दी गई थी। इस संबंध में धुलिया मनपा द्वारा सरकार को दी गई रिपोर्ट के अनुसार झोटे सहित 33 उम्मीदवारों को 13 मार्च 1990 को अस्थाई सेवा पर नियुक्ति किया गया था। इस नियु्क्ति के तत्कालीन नगराध्यक्ष के आदेश को विभागीय आयुक्त ने रद्द कर दिया था।
तत्कालीन नगर विकास राज्यमंत्री के पास दायर की गई अपील पर आदेश प्राप्त न होने कारण तत्कालीन नगराध्यक्ष ने झोटे सहित अन्य दो आवेदनकर्ताओं को 5 जुलाई 2001 को सेवा से हटा दिया था। झोटे सहित अन्य ने मनपा सेवा मे शामिल होने के लिए वर्ष 2014 में श्रम न्यायालय में दावा दाखिल किया था। श्रम न्यायालय ने झोटे के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद मनपा ने बांबे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 5 दिसंबर 2016 को फैसला सुनाते हुए श्रम न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया था। इससे पहले झोटे सहित अन्य दो 10 अगस्त 2017 विभागीय आयुक्त कायार्लय के बाहर भी आमरण उपोषण पर बैठे थे। सरकार ने झोटे के आरोपों को आधारहीन बताया है।
इससे पहले भी मंत्रालय में आत्महत्या की कोशिश हो चुकी है। चेम्बूर निवासी 43 वर्षीय हर्षल रावते ने मंत्रालय की पांचवीं मंजिल से छलांग लगा दी थी, उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया था। अहमदनगर निवासी 25 वर्षीय अविनाश शेटे को पुलिस ने आत्मदाह के प्रयास से बचाया था। उसने कृषि अधिकारी का परीक्षा दी थी, परंतु परिणाम घोषित होने में हो रही देरी और उसका समुचित कारण न मिलने से आहत होकर उसने आत्मदाह जैसे मार्ग को चुना था। धुलिया जिले के ही रहनेवाले 80 वर्षीय बुजर्ग किसान धर्मा पाटिल ने भी 22 जनवरी को मंत्रालय परिसर में विष पीकर आत्मदाह का प्रयास किया था। जेजे अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यू हो गई थी। धर्मा पाटिल अपनी अधिग्रहित भूमि का उचित मुआवजा न मिलने से परेशान थे। उन्होंने न्याय के लिए संबंधित अधिकारियों और मंत्रालय तक कई चक्कर लगाए थे।
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