कर्मचारियों के काउंटर की विंडो नहीं खोलने पर भड़के मरीज और तीमारदार
लखनऊ। राजधानी के बलरामपुर, सिविल और लोकबंधु अस्पताल में सोमवार को कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से मरीजों को काफी मुसीबतें झेलनी पड़ी। इन अस्पतालों में एनएचएम की ओर से कांट्रेक्ट खत्म होने पर आक्रोशित कर्मचारियोंं ने सुबह ही कार्य बहिष्कार कर दिया। वर्किंग डे में त्योहार से पहले हजारों मरीजों की भीड़ इकठ्ठा थी, लेकिन कर्मचारियों ने काउंटर की विंडो नहीं खोली। देखते ही देखते देर काउंटर पर मरीजों और तीमारदारों की लंबी भीड़ जमा हो गई। तीमारदारों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। बिना किसी सूचना के अचानक कार्य बहिष्कार से अस्पताल प्रशासन के हाथ पैर फूल गए। आनन फानन आला अधिकारियों ने कर्मचारियों को समझा बुझाकर हड़ताल खत्म करवाई।
होली से पहले कर्मचारियों के आक्रोश से घबराया अस्पताल प्रशासन
राजधानी के सिविल, बलरामपुर और सिविल अस्पताल में प्रतिदिन हजारों के ऊपर की ओपीडी होती है। कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार की वजह से मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कांटे्रक्ट खत्म होने को लेकर अस्पताल प्रशासन और एनएचएम की ओर से कोई ठोस बात न होने की वजह से आक्रोशित कर्मचारियों ने सोमवार सुबह एक घंटे का कार्य बहिष्कार किया।कर्मचारियों ने पर्चा काउंटर की विंडो नहीं खोली। देखते ही देखते काउंटर पर मरीजों की भीड़ बढऩे लगी। तीमारदार विंडो खोलने के लिए चिल्लाने लगे, लेकिन कर्मचारी ठस से मस नहीं हुए। हाल यह था कि लोकबंधु और सिविल अस्पताल में कांउटर खुलवाने के लिए चीख पुकार और हंगामा मचने लगा। लाइन में लगे तीमारदार धक्का मुक्की करने लगे और काउंटर खोलने को लेकर शोर मचाने लगे। बवाल बढ़ता देख अस्पताल प्रशासन को भनक लगी। जिसके बाद सिविल, लोकबंधु और बलरामपुर अस्पताल के निदेशक मौके पर आए और उन्होंने कर्मचारियों को बात करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद जाकर कर्मचारी काम पर लौटे। वहीं सभी सिल्वर टच के तहत रखे गए कर्मचारी ओपीडी के बाद एनएचएम में वार्ता के लिए जाएंगे।
मिशन निदेशक से मिलने के बाद भी नहीं निकला कोई हल
सिल्वर टच के सभी कर्मचारी ओपीडी के बाद एनएचएम ऑफिस मिशन निदेशक से मिलने गए, लेकिन मसले का कोई हल नहीं निकला। वहीं मिशन निदेशक पंकज कुमार ने कर्मचारियों को होली के बाद कंपनी के फाइनल होने की बात कही। वहीं सभी कर्मचारी मंगलवार को डीजी ऑफिस मामले का ज्ञापन देने पहुंचेंगे।
कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर चिंतित
गौरतलब है कि डिजिटल इंडिया के तहत केंद्र सरकार की ओर से सरकारी अस्पतालों में ई-हॉस्पिटल योजना शुरू की गई थी। प्रथम फेज में प्रदेश के 32 और राजधानी के चार अस्पताल डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल, बलरामपुर, लोकबंधु और अवंतीबाई महिला अस्पताल शामिल हैं। इन अस्पतालों में पांच से 10 कर्मचारी पर्चा कांउटर पर रखे गए हैं। इसके अलावा प्रदेश भर में सिल्वर टच कंपनी की ओर से लगभग 600 कर्मचारी तैनात किए गए थे। इन कर्मचारियों को एनएचएम के द्वारा कंपनी वेतन दे रही थी। वहीं गत शनिवार को सभी कर्मचारियों को कांट्रेक्ट खत्म होने का मेल आया। जिसमें अस्पताल प्रशासन को अपने स्तर पर ई-हॉस्पिटल की व्यवस्था चलाने की बात कही गई। वहीं कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
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