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Sunday, 14 April 2019

हरदोई- जिला अधिकारी के आदेश के बावजूद भी नहीं मिल रही एनसीईआरटी से मान्य प्रकाशकों की पुस्तकें

हरदोई -जिलाधिकारी के आदेशों के बावजूद भी निजी स्कूल सुधरने का नाम नही ले रहे हैं।निजी प्राइवेट स्कूल, छात्र-छात्राओं को निजी प्रकाशकों की पुस्तकों की खरीद करने पर जोर दे रहे हैं।जिला प्रशासन व माध्यमिक शिक्षा विभाग के लाख दावों के बावजूद अभिभावकों को एनसीईआरटी से मान्य प्रकाशकों की पुस्तकें नहीं मिल पा रही हैं, जिससे अभिभावक परेशान हैं।पुस्तक विक्रेता अभिभावकों को एनसीईआरटी की किताबें उपलब्ध न होने की बात कहकर अन्य प्रकाशकों की किताबें खरीदने पर जोर दे रहे हैं।माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कक्षा नौ से इंटर तक एनसीईआरटी से मान्य प्रकाशकों की पुस्तकों से शिक्षण कार्य कराने को निर्देशित किया है। जिला विद्यालय निरीक्षक ने प्रधानाचार्यों के साथ बैठककर पुस्तक विक्रेताओं से संपर्क करने और ब्लाकवार स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकों के स्टाल लगाने को निर्देशित किया था,जिसका अनुपालन होता नहीं दिख रहा है।अभिभावकों को पुस्तकों के स्टाल लगने से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी जा रही है, जिससे अभिभावकों को पुस्तकें खरीदने के लिए भटकना पड़ रहा है। पुस्तक विक्रेताओं की मानें तो एनसीईआरटी के सभी प्रकाशकों की पुस्तकें बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। उधर स्कूल संचालकों का कहना है कि एनसीईआरटी की पुस्तकों की बाजार में उपलब्धता कम होने के चलते अन्य प्रकाशकों से शिक्षण कार्य कराया जा रहा है।शहर स्थित कुछ एडेड विद्यालयों के संचालकों को एनसीईआरटी से मान्य प्रकाशकों की पुस्तकों से परहेज है। वह छात्र-छात्राओं को निजी प्रकाशकों की पुस्तकों की खरीद करने पर जोर दे रहे हैं। अभिभावकों को निजी प्रकाशकों की पुस्तकें महंगी पड़ रही हैं,जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।हर वर्ष कोर्स बदलने की परंपरा बन गई है।विकास ठाकुर, अब्दुल्ला,नवल किशोर आदि का कहना है कि कांवेंट स्कूलों में हर वर्ष कोर्स बदलने की परंपरा बन गई है, जिस पर जिला प्रशासन अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। कांवेंट स्कूल संचालक पुरानी किताबों से शिक्षण कार्य नहीं कराते, जिससे अभिभावकों को बच्चों के लिए नवीन कोर्स खरीदना मजबूरी बन गया है।

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