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Monday 19 November 2018

सीबीआई के डीआईजी का दावा- अस्थाना के घर छापेमारी से डोभाल ने रोका था

नई दिल्ली। सीबीआई अधिकारी राकेश अस्थाना केस की जांच कर रही टीम के हेड और सीबीआई के डीआईजी एमके सिन्हा ने नागपुर में हुए अपने तबादले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे है। भ्रष्टाचार के कथित मामले में अस्थाना की भूमिका की जांच कर रही टीम का हिस्सा रहे आईपीएस अधिकारी मनीष कुमार सिन्हा ने मंगलवार को अविलंब सुनवाई के लिये प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष अपनी याचिका का उल्लेख किया। इस पीठ में न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ भी शामिल हैं।
यही नहीं सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर याचिका में सीबीआई के डीआईजी एमके सिन्हा ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(एनएसए) अजित डोभाल के नाम का जिक्र करते हुए उन पर सीबीआई के काम में दखल देने का आरोप लगाया है। सिन्हा ने दावा किया है कि अजित डोभाल ने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच में हस्तक्षेप किया और यहां तक कि उन्होंने अस्थाना के आवास में की वाली तलाशी अभियान को भी रोकने के निर्देश दिए थे।

गौरतलब है कि यह पीठ अधिकार छीनने और अवकाश पर भेजने संबंधी सरकारी आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करने वाली है। सिन्हा ने कहा कि उनकी अर्जी पर भी मंगलवार को वर्मा की याचिका के साथ ही सुनवाई की जाये। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनका तबादला नागपुर कर दिया गया है और इस वजह से वह अस्थाना के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच से बाहर हो गए हैं। सरकार ने एक आदेश जारी कर अस्थाना की भी शक्तियां छीन ली हैं और उन्हें अवकाश पर भेज दिया है। वहीं सीबीआई के एक अन्य अधिकारी डिप्टी एसपी अश्वनी कुमार गुप्ता भी अपने तबादले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर चुके हैं। उनके मामले में तुरंत सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है।

अश्वनी कुमार गुप्ता का कहना है कि वो स्टर्लिंग बायोटेक सीबीआई मामले की जांच कर रहे थे, इस मामले में राकेश अस्थाना की भूमिका भी संदिग्ध है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इसी कारण उनका तबादला किया गया है। बता दें ऐसा नहीं है कि तबादले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट केवल मनीष कुमार सिन्हा और अश्विनी गुप्ता ही पहुंचे हैं। उनसे पहले भी राकेश अस्थाना मामले की जांच करने वाले सीबीआई के डीएसपी एके बस्सी का तबादला अंडामान कर दिया गया था। जिसके खिलाफ वह भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।

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